पितृ तृप्त करने की क्रिया को तर्पण कहते हैं।
तर्पण :- पितृ तृप्त करने की क्रिया को तर्पण कहते हैं। जल और तिल ( देवनए ) द्वारा तर्पण किया जाता हैं जो जन्म से ( लय ) मोक्ष तक साथ दे , वही जल हैं। तिलो को देवान खा जाता हियँ इससे ही पितृ तृप्त होते हैं। तिल व् पानी की जलांजलि से पितृ प्रसन्न रहते हैं।